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इन लव विथ बिलियनेयर( कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ) (भाग-35)









पिछले भाग में आपने पढ़ा था की ऋषभ ...आनंद से फोन पर बात करने के बाद वही बेड पर बैठे रहता है 
अब आगे ,

ऋषभ - ( अपने गालों पर हाथ रखकर) इन्हे हर बार मारने की बीमारी है क्या ...जब देखो तो लगा देती है ...कुछ समझती ही नही मुझे ...

( फिर वो नीचे बैठकर फैले हुए मिठाईओ को डब्बे में भरकर वही टेबल पर रख देता है क्योंकि उस दिन सारे नौकर छुट्टी पर होते है तो सफाई का काम वो खुद करता है ....वो रूम से बाहर निकलकर सीधे स्टडी रूम में जाता है और वहां से कॉपी पेन लेकर ...अवनी को पूरे घर में खोजने लगता है...किचन से लेकर ....सिनेमा और सभी कमरों में खोज लेता है पर अवनी कही नही मिलती तो बहुत ज्यादा घबरा जाता है ......वो खुद को कोसता है की अवनी को अकेले क्यों छोड़ा ....तभी एक सिक्योरिटी गार्ड आकर बताता है कि मैम ...गार्डन के दूसरे साइड पर जो तालाब है वहां  बैठी है....वो भागकर गार्डन कि तरफ जाता है और अवनी को तालाब के पास बैठा देखकर...सुकून की सांस लेता हैं और खुद को शांत करके ..अवनी की तरफ बढ़ने लगता है ...उसके पास पहुंचकर वही बगल में बैठ जाता है और कहता है ,

ऋषभ - अवनी ...
( अवनी कोई जवाब नही देती हैं और पास मे पड़े हुए पत्थरों को पानी में फेंखने लगती है ......)
ऋषभ - अवनी ...वो..वो आईएम सॉरी ..उसके लिए ..

( अवनी बिना कुछ जवाब दिए ऋषभ को घूरती है और फिर से पत्थर फेंकने लगती है तो ऋषभ उसका हाथ पकड़ लेता हैं और कहता हूं )

ऋषभ - आपको गुस्सा करना है ठीक है ...मार लीजिए मुझे ...
अवनी - ( अपना हाथ छुड़ाकर ) मॉम ने मेरे लिए कितने प्यार से लड्डू बनाए थे ...

( ऋषभ दूसरी तरफ फेस करके सोचता है ( ओह तो ये लड्डु वाली बात पर नाराज है ...मुझे लगा )तभी अवनी वहां से उठकर जाने लगती है तो वो उसका हाथ पकड़कर वही बिठा देता हैं और कहता है ,)

ऋषभ -( कॉपी पेन देते हुए ) ये लीजिए ...
अवनी -( घूरते हुए ) इसे खाना है क्या ....जो आप मुझे दे रहे ...
ऋषभ - आप शांति से बात नही कर सकती क्या ......
अवनी - ( ऋषभ का कॉलर पकड़ कर ) कौन है ये शांति ..? जब देखो तो शांति शांति करते रहते हैं...हॉस्पिटल में भी शांति ..और अब यहां भी शांति...😡
इतनी प्यारी है तो जाकर उसी के साथ रहिए ना..

( ऋषभ ...अवनी को फिर से इतने गुस्से में देखकर हैरान हो जाता है...वो थोड़ी देर तक उसे ऐसे ही देखता है और  मुस्कुराकर कहता हैं)
ऋषभ - ( बिना किसी भाव के )जलन हो रही आपको .....

( ये सुनकर अवनी ....सकपका के  ऋषभ का कॉलर छोड़ देती है और कॉपी से उसके सर पर मारकर घर में चली जाती है ..उसे जाते  देख वो अपना सर पकड़ लेता और कहता है )

ऋषभ - ओह गॉड ये इतनी कॉम्प्लिकेटेड क्यों है ...मै पागल हो जाऊंगा......

( फिर वो भी बैठकर पत्थर फेंकने लगता है ....थोड़ी देर बाद  उठकर घर में जाता है तो देखता है की   सिनेमा वाले रूम का डोर खुला हुआ है ...वो धीरे धीरे कदमों से दरवाजे की और बढ़ता  और देखता है की अवनी ...अपनी शादी की विडियोज देखकर मुस्कुरा रहीं .... ऋषभ कुछ पल वही खड़े होकर अवनी को देखता है और मुस्कुराते हुए अपने कमरे में चला जाता हैं...वहां बेड पर बैठकर ....निहारिका जी को कॉल करके कहता  है )

ऋषभ - हेलो मॉम...
निहारिका जी - क्या हुआ..अवनी ठीक है ना .. वो बहुत कमजोर हो गई है .....पता नही क्या खिलाते हो मेरी बच्ची को ...देखो मैने मिठाई बनाकर दी है अवनी को वही खिलाते रहना .....

(निहारिका जी बोलती जाती है ...थोड़ी देर बाद जब वो शांत होती है तो ऋषभ कहता है )

ऋषभ -( उबासी लेते हुए ) मॉम..अवनी पुराण खतम हुआ ??
निहारिका जी -( चिढ़ कर ) ऐसे क्यों बोल रहे हो...
ऋषभ - मॉम ....मुझे आपने हेलो तक नहीं बोला और शुरू हो गई ...
निहारिका जी - हां ठीक है....बताओ क्या काम है ??
ऋषभ - अपने बेटे से कोई ऐसे बात करता है .....
निहारिका जी - ( हंसते हुए ) मैं तो मजे ले रही .... हहहा
ऋषभ - मॉम...
निहारिका जी - ओह हो ....बताओ क्या पूछना है ..
ऋषभ - वो एक्चुअली मिठाई का वो डब्बा मेरे हाथो से गिर क्या ...
निहारिका जी - ( हैरानी से ) क्या ?....ऐसे कैसे कर सकते हो तुम...ओह गॉड मुझे फिर से बनाना  होगा जल्दी ...
ऋषभ - मॉम उसकी कोई जरूरत नही है ......
निहारिका जी - जरूरत है बहुत .....अब चलो मै जा रही बनाने ..
( ऋषभ धीरे से कहता है मेरे लिए तो कुछ नही बना रही है )
निहारिका जी -( हंसकर ) सब सुनता है मुझे ... मैं तुम्हारे लिए भी भिजवा दूंगी...
ऋषभ - थैंक्स मॉम ...
निहारिका जी - अच्छा जी ...मॉम को थैंक्स बोलेंगे ,...मैं नही भिजवा रहीं,
ऋषभ - मॉम ...सॉरी ....
निहारिका जी - ठीक है अब मैं जा रही किचन में बाय ....

( फिर ऋषभ कॉल कट करके ...वही बेड पर लेट जाता है )
दूसरी तरफ,

संजना और विहान इस बात से गुस्से में होते है की द्वार छेकाई का भी मौका नही मिला और ये आनंद अपनी दुल्हन लेकर रूम में भाग गया .....विहान मायुस होकर अपने कमरे से निकलता है तो सोफे पर बैठी संजना कहती है ,
संजना - ओ देवदास इधर आओ ....
विहान -(घूरते हुए ) शुतुरमुर्ग कम था क्या जो ये बोल रही हो ...
संजना - तो हरकते विहान भाई की तरह करो ना ...
विहान - ठीक है बताओ क्या हुआ ...
संजना - दलहोजी कौन कौन जा रहा ?
विहान - ( एप्पल खाते हुए ) सब जा रहे....
संजना - (अपना सर खुजलाते हुए ) वो देव भी क्या ??
विहान - हां बाबा सब जायेंगे ...डैड ने कहां है...
संजना - ओह गॉड वो चमगादड़ क्यों जा रहा ...रुको मैं अभी डैड से मना करवाती हु ...

( संजना उठकर रूम की तरफ जाने  लगती हैं....पीछे से विहान उसे कई बार रोकता है तो वो उसे ही एक मुक्का लगाकर ....दरवाजे के पास खड़ी हो जाती है और हल्के से दरवाजा खोलकर देखती है की ....आकाश जी ....सपना जी के बालो में गजरा लगा रहे  है.....संजना मुस्कुराती हुई विहान को इशारे से बुलाती है और दोनों देखने लगते है ...अंदर रूम में गजरा लगाने के बाद आकाश जी ...सपना जी को सिंदूर लगाते है तो बाहर संजना कहती है ,
संजना - वाउ 😘कितने प्यारे है ये दोनो...कितना प्यार है इनमे हाए 🙈....
विहान - चुप हो जाओ .....

( फिर संजना मुड़कर एक बार विहान को घूरती है और  और अंदर देखने लगती है ....अंदर कमरे में आकाश जी 
.सपना जी के पीछे पीछे घूमते रहते है और तभी जाकर पीछे से पकड़ लेते हैं तो सपना जी हड़बड़ा कर कहती है ,
सपना जी - अरे अरे ये क्या कर रहे है ... छोड़िए ..किसी ने देख लिया तो...
आकाश जी - अरे पति - पत्नी है हम और 😁और हम तुम एक कमरे में बन्द और चाभी कही खो जाए...
सपना जी - बस बस छोड़िए अब....
आकाश जी - ( पकड़े हुए ही ) अरे आप इतना क्यों शरमा रही .....अच्छा हम लोग भी डलहौजी चले क्या ..😍..हमारी हनीमून वाली जगह पर ...
सपना जी - ( अपने हाथो से फेस ढक कर ) अरे अरे कुछ तो शर्म कीजिए ...और बाहर जाइए ..भईया इंतजार कर रहे होंगे 
आकाश जी - ये गलत बात है ..मैं यहां रोमांटिक हो रहा और आप...
सपना जी - ( शर्माते हुए ) आपको 2बच्चे बाहर खड़े ये सब देख रहे है ...

( आकाश जी हड़बड़ा कर सपना जी को छोड़ देते हैं और दूर खड़े होकर दरवाजे की तरफ देखने लगते हैं...संजना और विहान हंसते हुए कमरे में घुसते है और कहते है )

विहान - वाउ डैड आप तो लव गुरु निकले ...
आकाश जी - नही.. नहीं ऐसा कुछ नही है ..वो तो बस .....
संजना - ( हंसते हुए ) डैड कुछ बोलने की जरूरत नही है ..हमने सब कुछ सुना .... हाह्हा 
सपना जी - हो गया पोपट 😅
विहान - ओह हो मॉम ...आपने तो डैड का सारा मूड ऑफ कर दिया .... 😂
सपना जी -( विहान को एक मुक्का मारकर ) और तुम जो कर रहे हो वो क्या है ...
आकाश जी - देखा बेटा .....मुझे मेरी एक और बहु चाहिए ...मुझे भी ट्विंकी बहुत पसंद हैं...अब जल्दी से लेकर आ जाओ बस ....ऐसे अपने बेटे को देवदास बनता हुए नही देख सकता ....
विहान -( गले लगकर ) ओह थैंक्स डैड ....मुझे लगा था आप नहीं मानेंगे ....
आकाश जी -( मुस्कुराते हुए) मेरे बच्चो की खुशी में ही मेरी मुस्कुराहट है 😘....
संजना - आप दोनो भी चल रहे है क्या  ...??
सपना जी - नही नहीं ..तुम्हारे पापा तो बस मजाक कर रहे थे ...अच्छा अवनी कैसी है ...??
विहान - भाभी ठीक है अब...
आकाश जी - वो हमारे साथ रहती तो और भी अच्छा लगता ...
विहान - आ जाएंगी...... ओके डैड हम चले सामान पैक करने ....

( दोनो फिर रूम से बाहर निकलकर कहते हैं ... बि कुल मॉम डैड एंड कंटिन्यू योर रोमांस )...फिर भागकर अपने अपने कमरे में चले जाते हैं.तो आकाश जी फिर से सपना जी को पकड़ लेते है और कहते है....

आकाश जी - शर्माने की जरूरत नही है बच्चो ने कहा है

.( सपना जी भी आकाश जी के गले लग जाती है ......परी और विवेक स्कूल गए होते है ...और ऊपर कमरे में आनंद और खुशी दरवाजा बंद करके बैठे होते हैं....तभी आनंद कहता हैं,

आनंद - अरे आप नाराज क्यों होती हैं इतनी जल्दी ....
खुशीं - ( घूरते हुए )आपने मुझे पूरी शादी में परेशान कर दिया ...
आनंद - अरे मैं कोई छोटा बच्चा थोड़े हु जो आपको परेशान करता रहा हु ...
खुशी - हरकते तो बच्चो जैसी ही थी ....कितना बोलते है आप ...पूरी शादी में मैने पंडित के मंत्र से ज्यादा आपकी आवाज सुनी ...
आनंद - आप बहुत लकी है 😉जो मै मिला ...
खुशी - देखते है कितनी लकी हु ....
आनंद - अभी बताता हूं कितनी लकी है आप .....

( फिर वो सोफे पर से उठकर सीधे बेड पर जाता है और खुशी के करीब बढ़ने लगता है ...वो घबरा जाती है और बैठें हुए ही पीछे पीछे खिसकने लगती है ...आनंद उसके और करीब पहुंचता है तो वो और भी पीछे हो जाती है और सीधे दीवार से टकरा जाती है ...आनंद फिर उसके करीब ही बैठकर मुस्कुराने लगता है और जैसे ही वो खुशी का हाथ पकड़ता है वो झट से अपना फेस ढक लेती हैं........आनंद फिर मुस्कुराते हुए उसके फेस पर से हाथ हटाता है तो देखता है की खुशी का पूरा फेस लाल हो गया है ....वो हैरानी से पूछता है ,

आनंद - आप ..आपके फेस को क्या हुआ है ....
( फिर वो उसके गालों पर हाथ फेरता है और उसका माथा चेक करके कहता है )
आनंद - ( हैरानी से )आपको तो बुखार भी नही है ....फिर ये क्या हुआ ...
खुशी - कुछ नहीं....
आनंद - नहीं ... नहीं आप यही बैठिए मैं मॉम को लेकर आता हु ...
( फिर वो उठकर जाने ही लगता है की खुशी उसे खींचकर लिटा देती है और कहती है )
खुशी - आप बुद्धू के बुद्धू ही रहेंगे ....
आनंद - अरे ये क्या आपका फेस तो पूरा नॉर्मल हो गया ....🙄आपको पक्का कोई प्राब्लम है ...
( फिर से उठने लगता है तो खुशी उसे दबा देती हैं और कहती है )
खुशी - आपको तो कुछ पता नही है .... अरे मुझे शर्म आ रही थी तो फेस रेड हो गया होगा ...
आनंद -( मुस्कुराते हुए ) ओह शर्म ......अब नही आ रही क्या ..
खुशी -( आंखे बड़ी करके ) वो ...वो 

( तभी आनंद उसे अपनी बाहों में भरकर उसके माथे को चूम लेता है तो   वो अपनी आंखे बंद कर लेती है ....आनंद फिर उसकी आंखो पर चूमता है और उसके लिप पर किस करके उसके हाथो को पकड़ने जाता है  ....तो खुशी उसे रोक लेती  है और कहती है ,)

खुशी - आप बुरा ना माने तो एक बात बोलूं...
आनंद - हां 
खुशी - (अपना फेस ढक कर .) मुझे डर लग रहा....सच्ची घबराहट हो रही ...
आनंद - आप जाकर फ्रेश हो जाइए ....आपको अच्छा लगेगा …..( हंसते हुए ) वैसे भी हनीमून होता है .... हनीसन नहीं ..... हाहा 
( फिर वो उठकर बालकनी में चला जाता है और खुशी  अलमीरा से अपने कपड़े लेकर बाथरूम में चली जाती है )..........


दूसरी तरफ,

आदि - रिया भी अपनी पैकिंग में लगे होते है ....वो दोनो शादी से पहले ही एक रूम में रहते है और टोनी जी को कोई दिक्कत नही होती है इस बात से.......आदि और रिया  ट्रैवल एजेंसी के काम के साथ साथ रेस्टोरेंट को और बड़ा  सा रूप भी देना चाहते हैं ...इसलिए टोनी अंकल से इस बारे में बात करते है और ऋषभ से भी ताकि वो कुछ इन्वेस्टमेंट करे .....ऋषभ भी रेडी हो जाता है......देव अकेले निकल गया होता है अपनी बहन के बारे में  जानकारी इकट्ठा करने और उसे खोजने ....नील - नैंसी एयरपोर्ट गए होते है ..श्वेता - श्रवण जी के हरिद्वार जाने के फ्लाइट पकड़वाने ......


इधर घर पर अवनी पूरी दोपहर शादी की वीडियो देखते देखते वही सो गई होती है और ऋषभ अपना कंपनी का काम स्टडी रूम में बैठकर कर रहा होता है ...जब उसे भूख लगती है तो वो रूम से निकलकर किचन में चला जाता है और अपने और अवनी के लिए खाना बनाने लगता है ....खाना बनाने के बाद ऊपर रूम में जाता है तो देखता हैं की अवनी रूम में नही है .... ऋषभ फिर से घबरा जाता है  और तभी उसे याद आता है कि अवनी सिनेमा वाले रूम मे वीडियो देख रही थी ....वो  भागकर सिनेमा वाले रूम मे जाता हैं वहां अवनी सो रही है ....वो फिर  चैन की सांस लेता है और उसके पास बैठकर कहता है )

ऋषभ -( उसके माथे पर हाथ फेरकर ) मै तो चाहता हु की आप 24 घंटे मेरी नजरो के सामने रहे ....

( फिर वो वही बैठकर देखने लगता है ...अवनी जब हल्की  सी हिलती है तो वो उठकर खड़ा हो जाता है और अवनी को हिलाकर कहता है ,)
ऋषभ - अवनी ...उठ जाइए 
अवनी -( हिलते हुए ही ) अरे आप जाइए ना मुझे सोना है .. 
ऋषभ - आपने कोई मेडिसिन खाई है क्या जो फिर से सो रही ...?
अवनी -( उठकर ) क्या मेडिसिन मेडिसिन लगा रखा हैं....मै क्यों खाऊंगी 
ऋषभ - कुछ नही चलिए.. ..कुछ खा लिजिए और फिर मेडिसिन 
अवनी - ऋषभ जी  आप मुझे कैसी मेडिसिन खिला रहे है.....मै बिल्कुल ठीक हु ....

( ऋषभ उसे देखने लगता है और बिना कुछ कहे बाहर आ जाता है ....अंदर अवनी ...ऋषभ को अकडू इंसान कह कर बाहर आ जाती है और फ्रेश होने के बाद खाना खाते समय कहती है )

अवनी - हम शॉपिंग पर चल सकते है क्या ??

( ऋषभ .. इशारों में ही उसे हां कह देता है ....दोनो फिर खाना खाने के बाद रेडी होने चले जाते है ....अवनी दरवाजे के पास ही बैठकर ऋषभ का वेट कर रही होती है ......


ऋषभ जब सीढ़िओ से उतर रहा होता है तो अवनी को जींस टॉप में देख कर हैरान हो जाता है .....वो खुद के सर पर मारता है और कहता है ,
ऋषभ - ये सच मे अवनी है.....
( अवनी ...उसे अपनी तरफ ऐसे देख पाती है तो इशारों ने ही पूछती हैं..क्या हुआ ??..ऋषभ ना में सर हिलाता है और बिना कुछ कहे बाहर जाकर कार में बैठ जाता है .....अवनी भी बैठ जाती है तो ऋषभ कार स्टार्ट करके निकल जाता है ….कोई कुछ नही कहता है ...थोड़ी देर बाद ऋषभ पूछता है )
ऋषभ  - आपने मेडिसिन खाई ??
अवनी - ( अपनी आंखे बंद करके ) जी हुजूर ...

( ऋषभ मुस्कुराने लगता है .…..तभी अवनी पूछती हैं)
अवनी - ( खुश होकर) मै कैसी लग रही हु ...??
( ऋषभ उसकी तरफ़ मुस्कुराकर  देखता है और फिर सामने देखने लगता है )
अवनी -( हुह) कंजूस आदमी ....एक तारीफ तक नही  कर सकते ....

( ऋषभ दूसरी तरफ फेस करके फिर से मुस्कुराने लगता है …...थोड़ी देर बाद दोनो जब मॉल पहुंच जाते है ...कार पार्किंग एरिया में लगाने के बाद ऋषभ मास्क पहन लेता है तो अवनी कहती है ,)
अवनी - ये क्या स्पॉडरमैन बन रहे ...
ऋषभ - ( अवनी को मास्क पहनाकर) आप भी बन जाइए...
अवनी - नही ....मुझे नहीं पहनना...
ऋषभ - फॉलो माय रूल्स ...मिसेज कश्यप....
( फिर वो कार से बाहर निकल जाता है ...अवनी मुंह बनाते हुए ....ऋषभ के पीछे चलने लगती हैं....दोनो गेट के सामने पहुंचते है ... चेकिंग होने के बाद ऋषभ कहता हैं)
ऋषभ - हमे कोई पहचान ना ले इसलिए मास्क पहना है ...अब चलिए ...
( वो अवनी का हाथ पकड़कर ...चलने लगता है ..अवनी ड्रेस लेने लगती है और ऋषभ वही सोफे पर बैठ जाता है .....वो अपने किए साड़ीया ले रही होती है की ...एक औरत ऋषभ को कहती है की ,
औरत - आप क्या थोड़ी देर तक मेरे बेबी को पकड़ लेंगे ..मैं अभी आती हु ..
ऋषभ -( हड़बड़ाकर ) अरे .. न..
औरत - बस थोड़ी देर पकड़ लिजिए ...मै अपना सामान रखकर आती हु ...
( अवनी साड़ी पकड़े ही उन दोनो की तरफ देखने लगती है ....ऋषभ ठीक है कहकर बेबी को अपनी गोद में ले लेता है .....अवनी भी  अपनी साड़ी और कुछ गाउन लेकर पैक कराने लगती है और देखती है की .....वो बेबी ऋषभ के कानो को पकड़ रही ..ऋषभ उसे दूर करने के कोशिश करता है ...बेबी कभी उसके बालो को नोचती है तो , कभी उसकी टाई खींचकर खेलने लगती है ....अवनी ये देखकर  हंसने लगती है .…..ऋषभ उसे हंसता देख  घूरने लगता है और बच्ची को पकड़कर सीधे करके उसके गालों पर किस कर लेता है .....वो बच्ची अब ऋषभ के गले लग जाती है और अपने हाथो से ऋषभ के पीठ पर धीरे धीरे मारने लगती है ....ऋषभ अब मुस्कुराने लगता है और उसे सोफे पर लिटाकर उसके पैर में गुदगुदी करने लगता है ...वो बच्ची तेज तेज हंसने लगती है तो सभी लोग उसे देखकर मुस्कुराने लगते हैं ..अवनी वही खड़ी होकर विडियो बनाने लगती है ...ऋषभ फिर बच्ची के  साथ  फोटोज क्लिक कर रहा होता है की  वो औरत आ जाती है और कहती हैं,

औरत - शुक्रिया .... आई होप एली ने परेशान न किया हो ..
ऋषभ - जी  नही किया ...

( फिर वो औरत बच्ची को ऋषभ के हाथ से लेकर  जाने लगती है तो ऋषभ उस औरत को रोक लेता है और अपनी गोल्ड चेन निकालकर उस बच्ची को पहना कर कहता है )

ऋषभ - थैंक्यू सो मच.....ये मेरी तरफ से एली के लिए.
औरत - पर .......
ऋषभ - प्लीज .....मैंने फर्स्ट टाइम बेबी को गोद मे लिया था..

( वो औरत मुसकुराते हुए ठीक है कहकर चली जाती है ...ऋषभ ..बच्ची को जाते हुए देखने लगता है तभी अवनी कहती है )
अवनी - हम लोग चले क्या ??
ऋषभ -( पीछे मुड़कर ) जी चलिए ...

( ऋषभ उसके हाथो से सामान ले लेता है और कार में बैठकर कर  स्टार्ट कर देता है ....दोनो रास्ते में कुछ नही कहते है ..…...अवनी ...ऋषभ के चेहरे को देखती है  उसके बाल अभी भी उसी हाल में होते है जैसे उस बच्ची ने किए थे ......घर पहुंचकर ऋषभ फ्रेश होने चले जाता है और अवनी कुकिंग करने लगती है ....दोनो डिनर करते है और कमरे में चले जाते है.....जबतक अवनी नाइटसुट में  चेंज करके आती है....देखती है की ऋषभ सो चुका है ....वो वही सोफे पर लेटकर  बच्ची और ऋषभ की की वीडियो देखने लगती है और सो जाती है .........

❣️
अगली सुबह....11 बजे के आस पास दोनो अपना सामान पैक करने में लगे होते है की डोर बेल बजती है ....अवनी जाने लगती है पर ऋषभ रोक लेता है और खुद नीचे जाकर डोर खोलता है तो देखता है की ...आनंद ,खुशी ,विहान ,संजना और नैंसी खड़े है ...सब मुस्कराते हुए अंदर आते है और आनंद और विहान... ..ऋषभ के गले लगकर सोफे पर जाकर बैठ जाते ...थोड़ी देर बाद आदि और रिया भी आ जाते है ....उनके पीछे पीछे नील और देव भी आ जाते हैं.....सब लोगो के आ जाने के बाद ... तय होता है की ड्राइविंग विहान करेगा ......अवनी ऊपर कमरे में अपना सामान  पैक कर रही होती है की पीछे से कोई  आकार उसकी आंखे बन्द कर लेता  है ....अवनी कौन है ...कौन है कहते कहते ..उसको  गुदगुदी करती है और हंसने की आवाज सुनकर कहती है 
अवनी - देखा पहचान गई मै तुम रिया हो
रिया - अरे वाह ...ऋषभ के साथ रह रहकर इंटेलिजेंट हो गई हो ...😅
अवनी - मै पहले से ही थीं...
रिया - हां बाबा हां अब चलो नीचे ...सब लोग आए हुए है .....

( दोनो फिर नीचे आ जाती है तो आनंद कहता है ....)
आनंद - भाईयो और ....( थोड़ी देर रुक कर ) आगे की लाइन नही आती ...
खुशी - आनंद जी ...
आनंद - ठीक है ठीक है अब नही हसूंगा ...अच्छा एक बात बतानी थी ...
ऋषभ - मुझे भी ...
आनंद - ठीक है भाई आप ही बताइए पहले ....
ऋषभ - ( देव और संजना को सामने खड़ा करके कहता है ) तुम दोनो का क्या चक्कर है ??
देव -( नील की तरफ देखकर ) चक्कर तो इनका चल रहा ...
ऋषभ - क्या मतलब ??
देव - कुछ नही कुछ नहीं.... और ( संजना की तरह देखकर ) इसके साथ क्या चक्कर चलेगा मेरा ... इससे अच्छा तो मै नदी में कूद जाऊ...
संजना - डलहौजी चल रहे हो ना ..... वही धक्का दे दुंगी...इच्छा पूरी कर दूंगी 😡
देव - चमगादड़ ...
आनंद - चुप रहो तुम दोनो ...( ऋषभ से ) भाई ..मुझे लगता है..... .सारी गलती हमारी संजना की थी इसलिए ...इन दोनों में झगड़ा चल रहा ...
संजना - ( आनंद को मारकर ) अपनी बहन का साइड ना लेकर 🙄उसकी साइड ले रहे हो .....
आनंद - हां तो ...कॉलेज में तुमने इसे मारा क्यों था ...
संजना - ( हैरानी से )आपको कैसे पता ये सब...
ऋषभ - सब पता है हमे....तुम दोनो ऐसे लड़ते हो जैसे जान के दुश्मन को एक दूसरे के ...
देव - जीजू .....गलती हम दोनो की थी पर संजना नहीं मानती है कभी ...
संजना - वाह इस चमगादड़ ने मेरा नाम बोला 🙄 हाय आज मै पागल  हो जाऊंगी ...
देव - पागल खाने छोड़ देता हु तुम्हे ...
आदि - दोनो शांत हो जाओ ....और बताओ क्या लड़ते हो  ऐसे निशाचरो की तरह...
( सब लोग आदि की तरफ देखने लगते है तो वो कहता है ).
आदि - क्या ....सही तो कह रहा हु .....
देव - जीजू लोग .... हम दोनो अमेरिका में  एक ही कॉलेज में पढ़ते थे ...ये संजना .....आए दिन किसी न किसी को पिट देती थी .....एक दिन तो मै अपने दोस्तो के साथ कैफेटेरिया में खाने ही जा रहा था की डस्टर चलाकर मार दिया ......मैंने सॉरी कहने के लिए कहा तो कहती की ..उनकी गलती नही है ...सबने समझाया पर ये नही कही सॉरी ...फिर क्या मुझे भी गुस्सा आ गया और मैं भी पास में पड़ा हुआ खाना उठाकर इनके ऊपर फेंक दिया ....वो भी गुस्से में मुड़ी और पास मे रखा हुआ खाना फेंक , दी...ऐसे ही खाना फेंकना लगा रहा और हमे पता ही नही चला की हमारा प्रिंसिपल सामने खड़ा हैं और हम दोनो ने वो सर के ऊपर फेंक दिया ....वो गुस्से में हम दोनो को 1 वीक तक सस्पेंड कर दिया और 1मंथ तक कैफेटेरिया का पूरा खाना बनाने का ऑर्डर  दे दिया .....ऊपर से संजना जी को कुछ आता तो था नही मार पीट के अलावा ..इसलिए कुकिंग के टाइम..इन्होंने बनाने से ज्यादा नुकसान कर दिया और फिर बहस हुई और हम दोनो को 1 मंथ तक कैफेटिया से ही रिस्ट्रिक्ट कर दिया .....बस उसी दिन से मुझे इस चमगादड़ को देखना नही था .....इन्होंने तो सॉरी भी नही कहा अपनी गलती के लिए ... मै कई बार कह चुका था ...पर ये सुनती ही नही .....
( देव फिर चुप हो जाता है तो सब लोग संजना की तरफ देखने लगते है ...अपना  मुंह लटकाते हुए कहती हैं)

संजना - हां थी मेरी गलती और ( देव से ) हां लो सॉरी भी कह देती हु - सॉरी सॉरी सॉरी...ठीक है और ..( अपना सामान लेकर ) और मै मार पीट उनकी  करती थी जो लोग रैगिंग करते थे और उस दिन डस्टर से मै एक सीनियर को ही पीट रही थी ...पर बीच में तुम आ गए ......

( इतना कहकर वो बाहर चली जाती है ....सब लोग फिर बाहर आकर देखते है की वो बस में चढ़ गई है ...



देव - सॉरी मेरी तरफ से भी ....फालतू का सबका मूड ऑफ हों गया हमारी बात सुनकर ....
विहान - नही ...अच्छा है आखिर पता तो चल गया ऐसे ... जानवरों की तरह लड़ने का  कारण ....😂

( सब लोग हंसने लगते है ....फिर आनंद धीरे धीरे सारा सामान बस में रखवाता हैं और घर पर फोन करके बता देते है के डलहौजी  के लिए निकल रहे है ....फिर सब लोग बैठ जाते है बस में ..... ,आदि - रिया एक साथ ,खुशी - आनंद ,और पीछे लास्ट वाली सीट पर ऋषभ और अवनी बैठ जाते हैं....दूसरी साइड पर नील ...और उसके सामने वाली सीट पर नैंसी बैठी होती है ....विहान ड्राइविंग सीट पर और देव उसके साथ वही बैठ जाता है ....संजना...इयरफोन लगाकर ...बीच वाली सीट में बैठ जाती हैं और बाहर देखने लगती है ....विहान बस स्टार्ट करता है मुस्कुराते हुए चल देता है .....


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मैं  थोड़ी बिजी थी ... फेस्टिवल टाइम है

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8 Comments

Ashant.

26-Apr-2022 09:52 PM

Nicely weitten

Reply

Archita vndna

24-Apr-2022 09:25 PM

Good story

Reply

Sandhya Prakash

24-Apr-2022 08:22 PM

Bahut shandar khani 🥰🥰🥰🌺🌺🌺🌺

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